ख्वाबों में उसने आना अब तो छोड़ दिया है, रिश्ता था रूहानी उसे भी तोड़ दिया है। यादों का हर मंजर भी तब से ख़ाक हो गया, जब से दीवानगी के रुख को मोड़ दिया है। घर था जो पहले बस वो अब मकान रह गया, कुर्बत में रह के रुह को ग़म से जोड़ दिया है फूलों की सेज भी मुझे काँटो सी चुभ रही, यादों को मेरी दिल से क्यों निचोड़ दिया है। माथे पे बिंदी हाथ में चूड़ी भी न सजी, 'वाणी' के दिल को जबसे उसने तोड़ दिया है। #NojotoQuote #कोमल_वाणी #अधूरी_ख़्वाहिश