For a father - जो लोग कहा करते थे कैसे सहोगे दो दो बेटियों का बोझ, देख कर राजसी ठाठ बेटियों का आज चुप हो जाया करते हैं कोई कमी न की उन्होंने बल्कि सारे दुःख खुद में सहा करते हैं क्या पता कल की रात खुद सोये या नहीं पर निरंतर मेरा भविष्य बनाने की कोशिश करते हैं अपने पेट पर लात मारकर मेरा पालन करते हैं #yqdidi #पेटलात #petparlaat For a father- रोज सवेरे उठ मुझको डाँट लगाते हैं एक कप चाय की वो चाह बताते हैं कहते हैं मुझे क्यूँ रात जाग कर बर्बाद करती है क्यूँ फ़ोन में घुस कर नींद ख़राब करती है देखो दुनिया जाग गयी और तुम सोयी अभी तक