कत्ल ही करना था हमारा तो हमसे कह देते ऐसे जुल्फें बिखेरने की क्या ज़रूरत थी जमाल ही बिखेरना था तो हमसे कह देते ऐसे मुस्कुराने की क्या ज़रूरत थी ©Sarthak Mukherjee #humse_keh_dete