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निकलना नहीं घर से अब तुम, रोज़े तीस दिनों केे हैं!!

निकलना नहीं घर से अब तुम, रोज़े तीस दिनों केे हैं!!
होना दीदार चाँद का  ...    अब, ईद का तय हुआ है!!

के सजना - संवरना भी ...    शुरू, अब तुम कर दो!!
तैयारी स्वागत के ईद की ... रोज़े अपने शबाब पर हैं!!

निकल ही आए वो घर से शाम को जो अाज यारों!!
अज़ान शहर में हो गई ...      ईद कल की है यारों!!

ईद मुबारक हो ... ईद मुबारक
निकलना नहीं घर से अब तुम, रोज़े तीस दिनों केे हैं!!
होना दीदार चाँद का  ...    अब, ईद का तय हुआ है!!

के सजना - संवरना भी ...    शुरू, अब तुम कर दो!!
तैयारी स्वागत के ईद की ... रोज़े अपने शबाब पर हैं!!

निकल ही आए वो घर से शाम को जो अाज यारों!!
अज़ान शहर में हो गई ...      ईद कल की है यारों!!

ईद मुबारक हो ... ईद मुबारक