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"Humans are cruelest animal" ऐ हमराज़ ! कुछ नफ़रतें

"Humans are cruelest animal"
ऐ हमराज़ !
कुछ नफ़रतें दे अपनी,
मैं काफिर सी 
तेरी दोस्ती के काबिल नहीं...

"Humans are unique"
ऐ हमनवां !
कुछ ऐसी अनोखी दोस्ती निभााओ,
मिलो न मिलो मुझसे
पर यूँ ही गुपचुप प्रेम करते रहो मुझसे...           Part- 4
                                                              {समापन} तुम ना एक काम करना...मेरे बारे में सोचते हुए हमेशा एक जानवर बन जाना...हां जी जानवर, क्योंकि वो ही किसी के बारे में निस्वार्थ सोच सकते हैं...निस्वार्थ प्रेम कर सकते हैं...इंसान रहकर निस्वार्थ रहना तो एक और यक्ष प्रश्न जैसा है...वैसे कभी कभी मैं तुम्हें देखती हूँ न तो ठहरी हुई आँखें तुम्हारी बिलकुल किसी कुत्ते या बिल्ली के छोटे बच्चे की आखों सी मासूम लगती हैं...तुम्हें उस समय देख बस ऐसा लगता है की थॉमस अल्वा एडिसन ने पहले बल्ब का आविष्कार तुम्हारी आँखों को देखकर ही किया होगा...तुम्हे मैंने कभी देखा भी नहीं मेरी आँखों के अलावा मेरे किसी और अंग पर नज़रें गड़ाए हुए...

मेरा तुमसे लगाव शायद कोई स्वार्थ रहा हो क्योंकि मैं तुम जैसी अच्छी तो हो ही नहीं सकती और मैं तो साधारण हूँ और तुम तो बस तुम हो...अनोखे अद्भुत अविश्वसनीय हो...तुमसे तो मैं दोस्ती के भी काबिल नहीं...पर तुम तो मुझसे प्रेम करते रहोगे न ? तुम तो करते ही रहोगे मुझे पता है...क्योंकि तुम्हें न मुझसे प्रेम है और ना ही प्रेम है मेरी देह से, न मेरे आकर्षक नक्श से, ना मेरे यौवन से...तुम्हें तो प्रेम है मेरी आवाज़ से, मेरी आँखों से, मेरी तुमसे जुड़ी आत्मा से...ये तुम ही कर सकते हो... ऐसा प्रेम मेरे बस की बात नहीं...मैं तो स्वार्थ से भरी हूँ, इंसान हूँ...अपने रास्ते चल पड़ूँगी...पर तुम मुझसे करते रहना ऐसा प्रेम ताकि मैं दे सकूं मिसालें आने वाली पीढ़ियों को प्रेम की, परिभाषित कर सकूं प्रेम को...सुना सकूं कहानियां तुम्हारी, बिना नाम लिए तुम्हारा और मेरी अगली पीढ़ियों में भी पनप पाए कोई पौधा प्रेम का...ये लो ये एक और मेरा स्वार्थ...

I am so selfless for the entire things in world but so slefish for your love...

#deepakkanoujia #pradhunik #modistro #uniquehumanbeing #cruelest #humanquotes 
#selflesslove #selfishlove
"Humans are cruelest animal"
ऐ हमराज़ !
कुछ नफ़रतें दे अपनी,
मैं काफिर सी 
तेरी दोस्ती के काबिल नहीं...

"Humans are unique"
ऐ हमनवां !
कुछ ऐसी अनोखी दोस्ती निभााओ,
मिलो न मिलो मुझसे
पर यूँ ही गुपचुप प्रेम करते रहो मुझसे...           Part- 4
                                                              {समापन} तुम ना एक काम करना...मेरे बारे में सोचते हुए हमेशा एक जानवर बन जाना...हां जी जानवर, क्योंकि वो ही किसी के बारे में निस्वार्थ सोच सकते हैं...निस्वार्थ प्रेम कर सकते हैं...इंसान रहकर निस्वार्थ रहना तो एक और यक्ष प्रश्न जैसा है...वैसे कभी कभी मैं तुम्हें देखती हूँ न तो ठहरी हुई आँखें तुम्हारी बिलकुल किसी कुत्ते या बिल्ली के छोटे बच्चे की आखों सी मासूम लगती हैं...तुम्हें उस समय देख बस ऐसा लगता है की थॉमस अल्वा एडिसन ने पहले बल्ब का आविष्कार तुम्हारी आँखों को देखकर ही किया होगा...तुम्हे मैंने कभी देखा भी नहीं मेरी आँखों के अलावा मेरे किसी और अंग पर नज़रें गड़ाए हुए...

मेरा तुमसे लगाव शायद कोई स्वार्थ रहा हो क्योंकि मैं तुम जैसी अच्छी तो हो ही नहीं सकती और मैं तो साधारण हूँ और तुम तो बस तुम हो...अनोखे अद्भुत अविश्वसनीय हो...तुमसे तो मैं दोस्ती के भी काबिल नहीं...पर तुम तो मुझसे प्रेम करते रहोगे न ? तुम तो करते ही रहोगे मुझे पता है...क्योंकि तुम्हें न मुझसे प्रेम है और ना ही प्रेम है मेरी देह से, न मेरे आकर्षक नक्श से, ना मेरे यौवन से...तुम्हें तो प्रेम है मेरी आवाज़ से, मेरी आँखों से, मेरी तुमसे जुड़ी आत्मा से...ये तुम ही कर सकते हो... ऐसा प्रेम मेरे बस की बात नहीं...मैं तो स्वार्थ से भरी हूँ, इंसान हूँ...अपने रास्ते चल पड़ूँगी...पर तुम मुझसे करते रहना ऐसा प्रेम ताकि मैं दे सकूं मिसालें आने वाली पीढ़ियों को प्रेम की, परिभाषित कर सकूं प्रेम को...सुना सकूं कहानियां तुम्हारी, बिना नाम लिए तुम्हारा और मेरी अगली पीढ़ियों में भी पनप पाए कोई पौधा प्रेम का...ये लो ये एक और मेरा स्वार्थ...

I am so selfless for the entire things in world but so slefish for your love...

#deepakkanoujia #pradhunik #modistro #uniquehumanbeing #cruelest #humanquotes 
#selflesslove #selfishlove