कल तो पता नहीं काफी सम्मान मुझे, आज पता नहीं क्यों नहीं मिला। कल तो पता नहीं "बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ" के नारे लग रहे थे, आज पता नही क्यों मुझे कोख में ही मार दिया। कल तो पता नहीं काफी भेंट लाए थे मेरे पति, आज पता नहीं क्यों मुझे मारने लगे। कल तो पता नहीं हर जगह हमे बचाने की प्रतिज्ञा ली गई थी, आज पता नहीं क्यों मेरे साथ बलात्कार किया। कल तो पता नहीं देवी कहा था मुझे, आज पता नहीं क्यों उसी देवी पर तेजाब डाला। कल तो पता नहीं मुझे मां और बहन की नजरो से देख रहे थे, आज पता नहीं क्यों उसी को चिकनी चमेली और जानेमन कहा। कल तो पता नहीं मेरे बेटे ने मेरी फोटो सोशल मीडिया पर डाली थी, आज पता नहीं क्यों मुझे वृद्धाश्रम छोड़ आया। कल तो पता नहीं मुझे पढ़ाने लिखने की बात कही गई थी, आज पता नहीं क्यों मेरी शादी करा दी। कल तो पता नहीं मुझे भाई के समान ही बताया, आज पता नहीं क्यों मुझे शाम होने से पहले घर आने को कहा। ©writer girl #womenpain #standAlone