White यहां फैल रहा झूठ का कारोबार आइए देखिए ये है माया बाज़ार जिस्मों जान का भी हो रहा व्यापार जिसका चल निकला सिक्का उसकी ही बहार फसे रहिए जो यहां किश्तों में चुका रहे उधार अंधे बहरे यहां पा रहे नियमित पगार ईमानदार की होती यहां नित तकरार धन उसका है जो ज़मीर को दे मार यहां सच्चा इंसान मानता आया हार आइए स्वागत कर रहा ये माया बाज़ार।। ©NC #life #kavita कविता हिंदी कविता कविताएं