रहे बादलों सा बरस रंग लाते रहे चांद जैसी छटाएं दिखाते छिड़क चांदनी हम रहे चैन पाते सदा ही रहे सोत रस का बहाते कलाएं दिखा कर कसाले किए कम उजाला अंधेरे घरोंे रहे हम... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख