तबाही का मंज़र हैं चारों और ना जाने मुझसे बिछड़ कर गया वो किस और खून से आलूदा मिला हैं दिल का टुकड़ा शक जा रहा हैं उसी की और क्या ऐसा हो सकता हैं वो लौट के आ सकता हैं अब तुझे कौन समझाए ए #दिप खवाबों की बात हैं कुछ और मगर हकीकत हैं कुछ और #दिपकमल 9/2/2021 ✍💔 ©Deep kamal