उसको मुमताज और खुद को मालिके के ताज समझते थे तुम क्या हुआ आजकल बाजार ए इश्क में दिखाई नहीं देते हमने सुना बर्बाद हो गए तुम written by Pushpendra kashyap shayri ki duniya shayri ki duniya #CalmingNature