रब अपनी मोहब्बत हमारे दिलों में कुछ इस तरह जगाए कि सिवाए उसकी मोहब्बत के हमें किसी और मोहब्बत की तलब ही ना हो,और उसकी रज़ामंदी के सिवाए किसी और कि नाराज़गी का कोई डर ना हो।। ©Talat Arooz #SandeepMaheshwari#spiritualty