मानवता आपकी पुजा सभी थे अपने माना न कोई दूजा सत्य की राह आपने चली तभी हमे स्वतन्त्रता मिली अनशन था आपका हथियार सच के साथ हमेशा तैयार आप थे उच्च शिक्षित चाहते थे देश बने विकसित बन्दुक मे नही था विश्वास जब अहिंसा का हुआ था एहसास नमक का कानून आपने तोड़ा अनेक लोगोंसे आपने रिश्ता जोड़ा जीवन में था संयम और शान्ति आम लोगों के साथ लायी थी ' क्रांति' स्वच्छता का पाठ आपने सिखाया करोड़ो के जीवन मे बदलाव लाया धर्म, पंथ, समुदाय थे अनेक आप राम- रहीम मानते थे ' एक' ©संतोष गव्हले #महात्मा150