प्रकृति का ही रसूल है सब बेवजह का फितूर है सब किस्मत का लिखा होकर रहेगा आदमी मजबूर है जब दो हाथ दो पांव सलामत हैं सर पर छत छांव सलामत है फिर क्यों करनी से भागते है आदमी मजबूर है क्यूं नही जागते हैं आदमी मजबूर है... #आदमीमजबूरहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi