मैं औरत हूं मगर साधारण स्त्री जात नहीं मेरे कमरे में किसी एक देवता की तस्वीर नहीं सारे धरम वालो का आना जाना है. मैं महलो में राज नहीं करती मगर दिलों की मल्लिका हूं मैं बाजार नहीं जाती मेरे नाम से सजता बाजार है. मैं औरत हूं मगर साधरण स्त्री जात नहीं🤫 ©(A unconfident pen) #AUnconfidentPen #redlightarea #Social #socialissues #Society #kotha