समेटे इन ख़ामोशियों के पीछे मैंने अल्फ़ाज़ हैं , कहूं किससे ये बातें, ये जो दर्द भरे राज़ हैं, बहुत ढूंढ़ा इधर- उधर , तब जाकर एक कलम दिखी वो भी मुझे ,मेरी तरह तनहा सी लगी जिसको पाकर लगा , एक दोस्त मिल गया बोझ दिल का सारा इससे लिख के हल्का किया अच्छी बात यह है, कि मेरी बातें जानकर भी, बताती नहीं किसको मेरे सारे आंसू समेटे है,पर , एहसान जताती नहीं कभी मुझ को । #writer #feelings #alone #ilovewriting #writingispassion #emotions #thoughts #pain #diary #poem