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काफ़ी नादान थी मैं...... लोगों की भीड़ को अपना समझ ब

काफ़ी नादान थी मैं......
लोगों की भीड़ को अपना समझ बैठी थी, जबकि सभी लोग पराये निकले।।
 काफी नादान थी मैं.......
सोची थी जीवन में खुशियां ही खुशियां मिलेंगी,
जबकि गम के सैलाब लिये बैठी हुँ मैं।।
 काफी नादान थी मैं.......
चाहती थी बड़े होकर खुद के मर्ज़ी से जियेगें, जबकि खुद की मर्जी से एक मुस्कान तक ना आती है।।
काफी नादान थी मैं......
मानती थी कि सभी लोग दिल के काफ़ी अच्छे होते है, जबकि लोगों के अंदर सिर्फ स्वाथ निकला।।
हाँ.........     हाँ काफ़ी नादान थी मैं...
खुद मासूम होकर के सबको मासूम समझ बैठी थी मैं।।

उफ़्फ़ बीती दिनों कितनी नादान थी मैं.....

 #nadaniyan , #childish ,
#kitni_nadan_thi_main
काफ़ी नादान थी मैं......
लोगों की भीड़ को अपना समझ बैठी थी, जबकि सभी लोग पराये निकले।।
 काफी नादान थी मैं.......
सोची थी जीवन में खुशियां ही खुशियां मिलेंगी,
जबकि गम के सैलाब लिये बैठी हुँ मैं।।
 काफी नादान थी मैं.......
चाहती थी बड़े होकर खुद के मर्ज़ी से जियेगें, जबकि खुद की मर्जी से एक मुस्कान तक ना आती है।।
काफी नादान थी मैं......
मानती थी कि सभी लोग दिल के काफ़ी अच्छे होते है, जबकि लोगों के अंदर सिर्फ स्वाथ निकला।।
हाँ.........     हाँ काफ़ी नादान थी मैं...
खुद मासूम होकर के सबको मासूम समझ बैठी थी मैं।।

उफ़्फ़ बीती दिनों कितनी नादान थी मैं.....

 #nadaniyan , #childish ,
#kitni_nadan_thi_main
sonabarnwal8050

Sona Barnwal

New Creator