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जब तक लड़ ना लु उसे भी सुकून नहीं आता, इसलिए तो मे

जब तक लड़ ना लु उसे भी सुकून नहीं आता,
इसलिए तो मेरा चांद मेरी डांट हैं खाता,
और वही तो हैं बैचारा जो चुपचाप सबकुछ सुनता है चला जाता,
इसलिए तो शाम से उसका इंतज़ार मेरी आंखों में उतर जाता।
                -Neha_Pandya #मेरा_चांद
जब तक लड़ ना लु उसे भी सुकून नहीं आता,
इसलिए तो मेरा चांद मेरी डांट हैं खाता,
और वही तो हैं बैचारा जो चुपचाप सबकुछ सुनता है चला जाता,
इसलिए तो शाम से उसका इंतज़ार मेरी आंखों में उतर जाता।
                -Neha_Pandya #मेरा_चांद