Nojoto: Largest Storytelling Platform

कैफियत न पूंछो हाल-ए-दिल तो नजरों से ही झलक रहा है

कैफियत न पूंछो हाल-ए-दिल तो नजरों से ही झलक रहा है
कितना दर्द भरा है दिल में बिन आंसुओं के ही छलक रहा है

कैफियत-हाल
 बेदम शायर आयुष कुमार गौतम की कलम से कैफियत न पूंछो
कैफियत न पूंछो हाल-ए-दिल तो नजरों से ही झलक रहा है
कितना दर्द भरा है दिल में बिन आंसुओं के ही छलक रहा है

कैफियत-हाल
 बेदम शायर आयुष कुमार गौतम की कलम से कैफियत न पूंछो