ये वक़्त के ज़ख़्म हैं जो भरते नहीं। शब्दों के लहू का रिसाव है जो रुकता नहीं। हर दौर बदलता है और हम नहीं। ये ख़ुदी का हिसाब है कभी चुकता नहीं। सब बदल रहा है #waqtkidosti series #calmkaziwrites #micropoetry #yqbaba #yqdidi #hindipoetry #hindi #365days365quotes