रुसवा किया हमें वो भी भरी महफिल में कुछ था दिल में हमारें मगर कह ना पाए बेवफाई तुम्हारी थी या मजबुरी हमारी थी हमारें होकर भी तुम हमारें हो ना पाए शिकवा करें तुमसें या किस्मत से शिकायत करें जब तुम ही साथ नहीं तो क्या हम बगावत करें जिस्म़ तक था इश्क तेरा हम तेरे इश्क में बह ना पाए हमारें होकर भी तुम हमारें हो ना पाए चंद सवाल खुद के लिए तो कुछ तेरे लिए भी ना तुम जवाब दे पाए ना हम जवाब ले पाए हमारें होकर भी तुम हमारें हो ना पाए। तुम हमारें हो ना पाए