हर बहिन, बेटी बड़ी होकर, विवाह कर जब नए घर में कदम रखेगी तो वहाँ का पुरुष भी सकारात्मक और सहयोगी रवैये वाला ही होगा तब हर बालिका का व्यक्तित्व इस स्वतंत्र, घुटन रहित व प्रेम भरे वातावरण में बहुत ही अच्छे ढंग से विकसित होगा और हमारा समाज पुरुषों की इस घटिया मनोवृत्ति से मुक्त होगा! निश्चय ही स्त्री - उत्पीड़न, बलात्कार, हिंसा आदि से मुक्ति मिलेगी पर.... शुरूआत हर महिला को अपने घर से ही करनी होगी!!!! जय हिंद! वन्दे मातरम!! #मर्दानी #3#30. 05.20