पहले वाले घर ना रहे परिवार ना रहे रिश्ते बस नाम के रिश्तेदार बस काम के कुछ जरुरी काम हो तो मिलते हैं वरना दूर से ही राम राम लेते हैं सब अपने अपने काम में व्यस्त रहते हैं फिर भी उनके बीच घूटन महसूस करती हूँ सबके होते हुए भी खुद को अकेला पाती हूँ प्रकृति की एक रचना से तो दूरी बनगई शायद उसी के बीच रहने की जरूरत है सत्य की खोज नहीं बल्कि खुद की खोज करने की जरूरत है ©Shruti Mor #modern