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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“10/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

“संसार” के सबसे “कठोर धातु” में से एक है “लोहा”,
“लोहे” से हम “अस्त्र-शस्त्र” प्राप्त कर सकते है,
“अनेक वस्तुएं” प्राप्त कर सकते है,
अब इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए,
इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए 
किसका उपयोग किया जाता है ?
“लोहे” का ही...ये बात हम सभी जानते है 
कि “लोहे” से ही “लोहे को काटा” जाता है,
इसके आगे एक बहुत बड़ा “प्रश्न” आ जाता है,
जो बहुत बड़ी “सीख” दे जाता है,ऐसा क्यों होता है ?
 कि हम “लोहे” से ही “प्रहार” कर रहे है “लोहे” पर 
किन्तु जिस “लोहे से प्रहार” कर रहे है 
उस “लोहे का आकार” नहीं बदल रहा,
जिस पर “प्रहार” कर रहे है 
उस “लोहे का आकार” बदल रहा है, 
इसमें “अंतर” क्या है...इसमें अंतर है “तापमान” का,जिस “लोहे” को हमें बढ़ाना है और “काटना” है उस “लोहे को गर्म” किया जाता है और जिस “लोहे” से हमें “प्रहार” करना है 
उस “लोहे को ठंडा” रखा जाता है,
अर्थात “ठंडा” लोहा “गर्म” लोहे को काटता है,अब देखिए हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” भी आती है हमें इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमारे मन को “शांत” रखना है यदि हम “क्रोध” और “ईष्र्या” की “अग्नि” में जलते रहें,“द्वेष की अग्नि” में जलते है तो हम भी उस “लोहे की भांति” हो जाएंगे जिसका “तापमान” कई अधिक है,तब कोई भी आके हमें “क्षति” पहुंचा सकता है,याद रखिए जिसकी सबसे अधिक “स्थिर बुद्धि” है,जो सबसे “शांत व्यक्ति” है वो सबसे अधिक “बलशाली” है...
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“10/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

*#“कठोर धातु”*

*#“लोहा”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“10/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

“संसार” के सबसे “कठोर धातु” में से एक है “लोहा”,
“लोहे” से हम “अस्त्र-शस्त्र” प्राप्त कर सकते है,
“अनेक वस्तुएं” प्राप्त कर सकते है,
अब इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए,
इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए 
किसका उपयोग किया जाता है ?
“लोहे” का ही...ये बात हम सभी जानते है 
कि “लोहे” से ही “लोहे को काटा” जाता है,
इसके आगे एक बहुत बड़ा “प्रश्न” आ जाता है,
जो बहुत बड़ी “सीख” दे जाता है,ऐसा क्यों होता है ?
 कि हम “लोहे” से ही “प्रहार” कर रहे है “लोहे” पर 
किन्तु जिस “लोहे से प्रहार” कर रहे है 
उस “लोहे का आकार” नहीं बदल रहा,
जिस पर “प्रहार” कर रहे है 
उस “लोहे का आकार” बदल रहा है, 
इसमें “अंतर” क्या है...इसमें अंतर है “तापमान” का,जिस “लोहे” को हमें बढ़ाना है और “काटना” है उस “लोहे को गर्म” किया जाता है और जिस “लोहे” से हमें “प्रहार” करना है 
उस “लोहे को ठंडा” रखा जाता है,
अर्थात “ठंडा” लोहा “गर्म” लोहे को काटता है,अब देखिए हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” भी आती है हमें इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमारे मन को “शांत” रखना है यदि हम “क्रोध” और “ईष्र्या” की “अग्नि” में जलते रहें,“द्वेष की अग्नि” में जलते है तो हम भी उस “लोहे की भांति” हो जाएंगे जिसका “तापमान” कई अधिक है,तब कोई भी आके हमें “क्षति” पहुंचा सकता है,याद रखिए जिसकी सबसे अधिक “स्थिर बुद्धि” है,जो सबसे “शांत व्यक्ति” है वो सबसे अधिक “बलशाली” है...
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“10/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

*#“कठोर धातु”*

*#“लोहा”*
atulsharma6011

Atul Sharma

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