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घेर लिया अंधेरों ने देख अकेला रोशनी को, डर रही रोश

घेर लिया अंधेरों ने देख अकेला रोशनी को,
डर रही रोशनी देख अंधेरें की खामोशी को।
दूर दूर तक एक भी जुगनू नजर नहीं आता,
घेरे जा रहे अंधेरे मुझे डर मेरा बढ़ता जाता।
काली स्याह रातों के विरानो में दम घूंट रहा,
भय के पहरे से कंपित हूं वक्त नहीं कट रहा।
तमिस्रा के अंधेरों में टिमटिमा रही है रोशनी,
मिल जाता सहारा तो निकली नहीं चांदनी।
गुजर रहा है क्षण सालों जैसा बनकर भारी,
 ठहरी है अब तलक तो भोर पे निगाहें सारी।
JP lodhi 24/09/2020 #lightindark
#Nojoto
#Nojotohindi
#nojotoorignals 
#Nojotofilms
#Poetry
घेर लिया अंधेरों ने देख अकेला रोशनी को,
डर रही रोशनी देख अंधेरें की खामोशी को।
दूर दूर तक एक भी जुगनू नजर नहीं आता,
घेरे जा रहे अंधेरे मुझे डर मेरा बढ़ता जाता।
काली स्याह रातों के विरानो में दम घूंट रहा,
भय के पहरे से कंपित हूं वक्त नहीं कट रहा।
तमिस्रा के अंधेरों में टिमटिमा रही है रोशनी,
मिल जाता सहारा तो निकली नहीं चांदनी।
गुजर रहा है क्षण सालों जैसा बनकर भारी,
 ठहरी है अब तलक तो भोर पे निगाहें सारी।
JP lodhi 24/09/2020 #lightindark
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#Nojotohindi
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#Poetry
jagdishprasadlod3535

J P Lodhi.

Silver Star
Growing Creator