हम तो हैं सफर में मेरी गाड़ी तु चला रहा है * * * भेजा है तूने जग में तु ही पार लगा रहा है * * * फिर क्यों फसाया तूने इस मोह के भंवर में * * * कैसी है तेरी माया मुझको भटका रहा है * * * बैठा है मेरे भीतर मंदिर मस्जिद घुमा रहा है * * * Spiritual ......