हालातों की आरी से मां ने कलेजा काटकर यूँ उछाला उतर गया नक़ाब तो देखा सभ्यता का मुंह काला ताकत के तराजू में आंसुओं का पलड़ा यूँ हल्का है सिसकियां हैं, चुप्पियां हैं और बेबसी ने है डेरा डाला ©Anand Chouhan Prashant kumar Neha mallhotra Anand Pandey official manoj Kumar Ranjeet