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सुकून के लिए भटकती हुई एक रूह थी मीना, ज़िंदगी के

सुकून के लिए भटकती हुई एक रूह थी मीना,
ज़िंदगी के हर तकलीफ़ से रूबरू थी मीना,
गर होते हैं फरिश्ते सचमुच में कहीं तो वैसी ही हुबहू थी मीना।

remembering the tragedy queen Meena kumari ji on her  birthday today🙏🤍

©Rakhie.. "दिल की आवाज़"
  #happybirthday #MEENAKUMARI