माँ कुष्मांडा आरती कुष्मांडा जय जग सुखदानी मुझ पर दया करो महारानी ।। पिंगला ज्वालामुखी निराली शाकम्बरी माँ भोली भाली ।। लाखो नाम निराले तेरे भगत कई मतवाले तेरे ।। भीमा पर्वत पर है डेरा स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ।। संब की सुनती हो जगदम्बे सुख पौचाती हो माँ अम्बे ।। तेरे दर्शन का मै प्यासा पूर्ण कर दो मेरी आशा ।। माँ के मन मै ममता भारी क्यों ना सुनेगी अर्ज हमारी ।। तेरे दर पर किया है डेरा दूर करो माँ संकट मेरा ।। मेरे कारज पुरे कर दो मेरे तुम भंडारे भर दो ।। तेरा दास तुझे ही ध्याये चमन तेरे दर शीश झुकाए ।। #NojotoQuote माँ की आराधना का ये पर्व है,माँ के नौ रूपों का ये पर्व है, बिगड़े काम बनाने का ये पर्व है,भक्ति का दिया दिल में जलाने का ये पर्व है।