Mujhe Farq Nahi Padta मुझे फर्क नहीं पड़ता,जमाना क्या कहेगा। जीनी है अपनी ज़िंदगी,जमाने की नहीं परवाह। इसने सिर्फ लोगो को गिराना सीखा,उठाना नहीं जमाने का क्या?इसने कब किसी को अच्छा कहा। जमाने से डरे तो,अपनी सी जिंदगी नहीं जी पाएंगे। यारो जियो अपने उसूलों पर, जमाने से मत डरो।ज़िन्दगी ऊपरवाले ने दी है, जमाने ने नहीं। डरना है तो उस खुदा से डरो,जिसने दी ज़िन्दगी। इसलिए जमाने से मुझे फर्क नहीं पड़ता। mujhe fark nahi padta