#ज़िन्दगी धर्म ,मजहब, जाति नहीं , इंसान चाहिए । कत्ले - आम बहुत देखे हैं , इस जहां ने , अब ज़िन्दगी को सुकून चाहिए । .#सचिन.#विमल #सफर_ए_ज़िन्दगी