किसी के हो नही पाते लिपट तकिए से रोते हैं। नहीं जो क़द्र करते हैं हरिक रिश्ते को खोते हैं।। अंधेरे घेर लेते हैं उन्हें गफ़लत के ए मुस्कान, जो एटीट्यूड रखते हैं वो बस तन्हाई ढोते हैं।। एटीट्यूड