ना जीने की खुशी ना मरने का गम अब तो बस तेरा ही इंतजार हैं.. आ जाना कभी बिताएंगे जरासा वक्त साथ में फिर बताएंगे तुम्हे भी के हमारा सच्चा दर्द क्या हैं.. जब आ जाओ तब साथ ले आना वो बितें हुए पलों की कुछ खट्टी मिठी याँदे फिर से ताजा करेंगे उन गुजरे हुए पलों को तब बताएंगे हम तुम्हें के तुमबिन आज भी हमारा वजूद क्या हैं.. और साथ में जताएंगे यह भी के खाई थी ज्यों कसमें मिलकर किए थे एकदुसरे को ज्यों वादें उन कसमों वादों की दास्ताँ क्या हैं.. के.पी. ©शब्दवेडा किशोर #याँदों_की_बारात