सिगरेट ने भी क्या क़िस्मत पायी है सुना है महबूब ने उसे होंठो से लगाई है हम तो तड़पते हैं ऐसी क़िस्मत के लिए कम्बख़्त ने बिना चाहे ऐसी क़िस्मत पायी है सिगरेट की क़िस्मत....🚬🚬