क्रूर वजीर खान के दर पर, दोनो खड़े हुए थे। निडर वीर सिंहो की भांति, धर्म पे अड़े हुए थे। सूबेदार वजीर ने उनको, मृत्यु का भय दिखलाया। धर्म के परिवर्तन के हेतु, विविध भांति धमकाया। पर दशमेश के वीर पुत्र वो, यूँ कैसे डर जाते। गर आवश्यक हुआ तो फिर वो, यम से भी लड़ जाते। ©Roopesh Singh Lucky #charSahibzade