महफिल-ए-गज़ल में मैंने अर्ज़ किया था, अर्ज़ करने से पहले उसकी सूरत देखी थी। क्या करुं बयां मैं कैसी उसकी सूरत थी, जैसे चांद का टुकड़ा और भगवान की मूरत थी।। #loveshayari