तप,तपस्या,प्रेम,सत्य,अहिंसा के थे वो पुजारी, बिन खड़ग बिन ढ़ाल के थे नरम आंदोलनकारी, पोरबंदर में नेत्र खोल सुभाग हो गई धरा हमारी, मनमस्तिष्क सजग प्रहरी जानती दुनिया सारी, जन जन के प्रिय थे,थे सबके तुम सर्वहितकारी, मानव को भेदभाव से करा परिचित यह अहितकारी। शिक्षा का आधार दिया,दिया उदारमन,सर्वधर्म का ज्ञान, सौंप राष्ट्र की स्वतंत्रता,अमर बना गये हे बापू पहचान। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 🎇 2 अक्टूबर को भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्म दिवस मनाया जाता है। इनका पूरा नाम मोहन दास करमचंद गाँधी है, जिन को देशभर में बापू के नाम से पुकारते हैं। बापू का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने आजीवन अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाई। बापू की हिंदू धर्म में घोर आस्था थी। उन्होंने अपना सारा जीवन देश सेवा में लगा दिए थे..🇮🇳 एकमात्र बापू ही हैं जिन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि म