अनदेखी अनसुनी सी कैसी ये घड़ी है हर दुखों को लाँघती कैसी ये कड़ी है अजीब है न हम यहाँ अपने घरों में कैद हैं गरीबो को सिर्फ एक छत की आस है कहीं तलाश है भरपूर खाने की हर और बस थोड़े से सहारे की कहीं बच्चे माँ के गर्भ में ही मर रहे तो कहीं डॉक्टर्स सबके हमदर्द बन रहे सलाम है इन वीर योद्धाओं को धरती पे जन्मे इन फरिश्तों को।। #Doctors🙏🙏 #Heroes #Khuchbatein✍️✍️