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डगमगाते तो दिन और रात भी हैँ तो वक़्त का क्या हैँ

डगमगाते तो दिन और रात भी हैँ 
तो वक़्त का क्या हैँ 
खुद पे रखो यकीन 
किस्मत का क्या हैँ #copywrited
डगमगाते तो दिन और रात भी हैँ 
तो वक़्त का क्या हैँ 
खुद पे रखो यकीन 
किस्मत का क्या हैँ #copywrited