दूर ले जायेगी हमको ये झूठी जिद हमारी विकास की अंधी दौड ने लूट ली है खुशियॉ सारी पहले मानव का प्रकृतिकरण था अब आई प्रकृति के मानवीकरण की बारी खौफ़ था पहले प्रकृति का तो हर कोई था पेड पुजारी अब काट -काटकर पेडों को बना डाली इमारतों की अटारी दूर ले जायेगी हमको ये झूठी जिद हमारी #दूरलेजायेगी #मेरेविचार #कविता