सवेरा सवेरा माने सिर्फ उजियारा की शुरुआत ही नहीं सवेरा माने अंधेरा का अंत भी होता है रावण की हंसी बस एक पल की है दूसरे ही पल श्री राम जी को आना है कठिनाई से मत घबराना है मन तू यह बात मान ले कुछ भी स्थिर नहीं यहां मन तू यह बात जान ले कष्ट है तो आनंद भी अवश्य है रात है तो सवेरा भी अवश्य है #सवेरा माने सिर्फ उजियारा की #शुरुआत ही नहीं सवेरा माने #अंधेरा का अंत भी होता है #रावण की #हंसी बस #एक #पल की है #दूसरे ही पल श्री राम जी को आना है #कठिनाई से #मत #घबराना है मन तू यह बात मान ले कुछ भी #स्थिर नहीं यहां मन तू यह #बात जान ले