अब ना मैं वो हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे अब ना मैं वो हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे फिर भी मशहूर हैं, शहरों में फ़साने मेरे जिंदगी हैं तो नए जख्म भी लग जायेंगे अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे आप से रोज़ मुलाक़ात की उम्मीद नहीं अब कहा शहर में रहते हैं ठिकाने मेरे राहत इन्दौरी #Beauty #राहत #इन्दौरी