सच्च कहा है , किसी दीवाने ने महफ़िल जलती है , सिर्फ़ परवाने से छूता है जो दिल को , गुस्से में मेरे ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता उनसे , ज़िन्दगी के पैमाने में ©Sethi Ji अक्सर चाय पर , उनसे मुलाकात हुआ करती थी जब वोह शाकर की जगह , अपने दिल की मिठास घोल दिया करती थी अब और क्या बताये , उनके अदा-ए- हुस्न के बारे में मेरी और उनकी बातें , काफी देर रात तक चला करती थी ।।