For My Wife On Marraige Annivarsary तुम समझो सपने तेरे, आंखें मेरी बनी कहानी तुम समझो रस्ते तेरे, पग हैं मेरे राह आसानी तुम समझो पकड़ा है जब हाथ तुम्हारा, साथ चलेंगे तुम समझो फिसलन हो या कोई अड़चन, गिरने न देंगे तुम समझो तुम समझो ख्वाबों में है खूब ऊंचाई, साथ चढ़ेंगे तुम समझो रिश्ते की है ये गहराई, निष्छल मन है तुम समझो कहीं अड़ोगी-जिद पकड़ोगी, न रोकेंगे तुम समझो जीवन का है सार यही, सफल कहानी तुम समझो तुम समझो सात साल की पगडंडी पर हमराह बने हैं तुम समझो लड़ते-झगड़ते, बनते-बिखरते संग खड़े हैं तुम समझो तुम कहती हो साथ न देेंगे, अलग चलेंगे तुम समझो पर हम तो अगले जनम में भी गले पड़ेंगे तुम समझो तुम समझो स्नेहलता है नाम तुम्हारा, लता स्नेह की तुम समझो पंखुड़ियों सी मुुस्कान बिखेरो, हरपल मस्ती तुम समझो जड़ों में थोड़ा गुस्सा ज्यादा, कम करना है तुम समझो लता जैसे चढ़े ऊंचाई, मिले तरक्की तुम समझो "देव" #Marraige #annivarsary #Hindi #poem for #wife