जैसे चातक एक बूंद को तरसे, प्यासा नभ को ताके, एक शिला बन गई अहिल्या, बस एक ही स्पर्श से, जब मन प्रफुल्लित हो जाए एक बार, कहानी हमारी भी हो जाएगी अमर, उपरवाले की दुआ से।। लेखन संगी....💞🌹💞 Open 🔓 for collab 💞 🌹 💞 💞 🌹 💞 💞 🌹 💞 💞 🌹 💞 💞 💞 💞 💞