ये रास्ते जो वीरान है ; शहर सारे मानो कब्रीस्तान है ; सोया हूआ है ये जहां सारा ; कैदखानो से लगने लगे अब खूद के ही मकान है ।। आज कल ना पहले वाली सूबह है ना शाम है ; जहा लोगो को अपने किये पर पछ्तावा तक नही ; वही कई लोग बीना बात के ही बदनाम है ।। एक ओर कूछ फरीस्तो ने जान अपनी खतरे मे डाल कर देश की जान बचा रखी है ; तो कूछ शैतानो ने कालाबाजारी कर कर के अलग ही गंध मचा रखी है ।। एक तरफ वो है जीनसे देश जींदा है ; तो एक तरफ एसे भी है जिनसे उनका खूद का परीवार शर्मिंदा है ।। वक़्त कम है आँकड़े हजारो मे पहोच चूके ; संभल जाओ कही लाख ना हो जाए ; बडी मूसीबत मे है देश ; एक हो जाओ ; कही ये राख ना हो जाए ।। #corona#fightTogether#helpOthers...🙏