कुछ कमी सी है ये हवाएँ आज जाने क्यों कुछ थमी सी है ये मुस्कुराती आखों में जाने क्यों नमी सी है साथ चलना था जिन कदमो को हमेशा तुम्हरे बिन उन राहों में आज, कुछ कमी सी है कुछ कमी सी है ये हवाएँ आज जाने क्यों कुछ थमी सी है ये मुस्कुराती आखों में जाने क्यों नमी सी है साथ चलना था जिन कदमो को हमेशा तुम्हरे बिन उन राहों में आज,