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सांसों की आहटें से उठे पलकें, झुकी फिर भी क्यों लग

सांसों की आहटें से उठे पलकें,
झुकी फिर भी क्यों लगती है 
वो दोस्ताना संबंध में बधे तेरी हाथे...
गरमाहटे पैदा क्यों करती हैं

©Dev Rishi  दोस्ती शायरी
सांसों की आहटें से उठे पलकें,
झुकी फिर भी क्यों लगती है 
वो दोस्ताना संबंध में बधे तेरी हाथे...
गरमाहटे पैदा क्यों करती हैं

©Dev Rishi  दोस्ती शायरी
devrishidevta6297

Dev Rishi

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