साहिब काश कुछ ऐसा हो जाएं , नेह का हर पल तेरे नाम हों जाए, हम दोनों मिलें कुछ इस कदर, सुबह से फ़िर शाम ही हों जाएं।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-46 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥46:- काश ऐसा हो जाए