मेरी किताब में तेरा पैगाम आज भी है , मेरी रुमाल में तेरे अश्कों के निशान आज भी हैं , जिस प्यार को तूने सिद्दत का नाम दिया था वो नाम तो बदनाम आज भी है !! हम एक ना हो सके वो अलग बात थी, मुझे तो अपने प्यार पे गुमान आज भी है,, तुझसे मिलने का जी नहीं करता, वरना तेरे मोहल्ले में पहचान आज भी है,, मेरे ना होने पर तू जिससे मेरी सिकायते करती थी, वो "टेडी" मेरा हमनाम आज भी है,, कभी फ़ुरसत मिले तो चले आना उसी राह में, उसी गली में मेरा मकान आज भी है !! #Harsh #AajBhiHai #twilight #Poetry #Adab