इसने कहा नही मै समझा नही हुई जो बात हसने हँसाने में, हुवा गुस्ताख़ मैं आखिर इसके सब्र को आजमाने में, इसे तो आती ही नही परदे उठाने की अदा, सब गुनाह मेरे छुपाता है मुस्कुराने में। :-प्रांजल भंडारी❤ #रूहानी_प्यार irslan khan Ritika suryavanshi